Saturday, June 18, 2011

तुम जो होते

साथ मेरे तुम जो होते ज़िन्दगी फिर मुस्कुराती
नाचते फिर हर घड़ी हम हर तमन्ना खिलखिलाती

धड़कनें मदहोश होतीं चाहतें पुरजोश होतीं
आस्मानों पर हमारे कहकशां ही जगमगाती

गीत दिल की वादियों में गूंजते पल-पल नये फिर
संग भंवरे के कली मिल गीत हरदम गुनगुनाती

थे ज़रूरत तुम सफ़र की और ना कुछ चाहिये था
हाथ में जो हाथ होता फिर तो मंज़िल मिल ही जाती

खो गये पर तुम न जाने वक़्त की किन ग़र्दिशों में
याद निर्मल को तुम्हारी रोज़ोशब अब है सताती

14 comments:

  1. खूबसूरत रचना ..मन के भावों को बखूबी लिखा है

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  2. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (20-6-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  3. बस यादें ही साथ रह जाती हैं ...
    मगर यही भावनाएं खूबसूरत ग़ज़लें भी लिखवाती हैं !

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  4. थे ज़रूरत तुम सफ़र की और ना कुछ चाहिये था
    हाथ में जो हाथ होता फिर तो मंज़िल मिल ही जाती

    बस लाजबाब लिखा है. आभार.

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  5. खो गये पर तुम न जाने वक़्त की किन ग़र्दिशों में
    याद निर्मल को तुम्हारी रोज़ोशब अब है सताती.dil ke bhavon ko bakhoobi byakt karati hui shaandaar rachanaa.badhaai aapko.



    please visit my blog.thanks.

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  6. बहुत प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति..

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  7. विचारों को सुंदर तरीके से सजाया है...

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  8. तुम होते तो ऐसा होता , तुम होते तो वैसा होता।
    सुंदर रचना ...

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  9. टूटे हुए साजों की आवाज़ सी राग ,वियोग ,वेदना में भीगी ग़ज़ल .बेहद खूबसूरत हैं दर्द से भरे स्वर तुम जो होते ...

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  10. आपकी गजल पढ़ी बहुत अच्छी लगी। इसकी टक्कर का एक बड़ा अच्छा फिल्मी गीत है। लताजी ने गाया है-तुम न जाने किस जहाँ में खो गए हम भरी दुनिया में तन्हा हो गए।

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  11. गजल अच्छी लगी

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  12. खूबसूरत रचना ..मन के भावों को बखूबी लिखा है

    http://sarapyar.blogspot.com

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