साथ मेरे तुम जो होते ज़िन्दगी फिर मुस्कुराती
नाचते फिर हर घड़ी हम हर तमन्ना खिलखिलाती
धड़कनें मदहोश होतीं चाहतें पुरजोश होतीं
आस्मानों पर हमारे कहकशां ही जगमगाती
गीत दिल की वादियों में गूंजते पल-पल नये फिर
संग भंवरे के कली मिल गीत हरदम गुनगुनाती
थे ज़रूरत तुम सफ़र की और ना कुछ चाहिये था
हाथ में जो हाथ होता फिर तो मंज़िल मिल ही जाती
खो गये पर तुम न जाने वक़्त की किन ग़र्दिशों में
याद निर्मल को तुम्हारी रोज़ोशब अब है सताती
Saturday, June 18, 2011
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खूबसूरत रचना ..मन के भावों को बखूबी लिखा है
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (20-6-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
बस यादें ही साथ रह जाती हैं ...
ReplyDeleteमगर यही भावनाएं खूबसूरत ग़ज़लें भी लिखवाती हैं !
थे ज़रूरत तुम सफ़र की और ना कुछ चाहिये था
ReplyDeleteहाथ में जो हाथ होता फिर तो मंज़िल मिल ही जाती
बस लाजबाब लिखा है. आभार.
प्रभावी अभिव्यक्ति ......
ReplyDeleteखो गये पर तुम न जाने वक़्त की किन ग़र्दिशों में
ReplyDeleteयाद निर्मल को तुम्हारी रोज़ोशब अब है सताती.dil ke bhavon ko bakhoobi byakt karati hui shaandaar rachanaa.badhaai aapko.
please visit my blog.thanks.
waah bahut bahut sundar
ReplyDeleteबहुत प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteविचारों को सुंदर तरीके से सजाया है...
ReplyDeleteतुम होते तो ऐसा होता , तुम होते तो वैसा होता।
ReplyDeleteसुंदर रचना ...
टूटे हुए साजों की आवाज़ सी राग ,वियोग ,वेदना में भीगी ग़ज़ल .बेहद खूबसूरत हैं दर्द से भरे स्वर तुम जो होते ...
ReplyDeleteआपकी गजल पढ़ी बहुत अच्छी लगी। इसकी टक्कर का एक बड़ा अच्छा फिल्मी गीत है। लताजी ने गाया है-तुम न जाने किस जहाँ में खो गए हम भरी दुनिया में तन्हा हो गए।
ReplyDeleteगजल अच्छी लगी
ReplyDeleteखूबसूरत रचना ..मन के भावों को बखूबी लिखा है
ReplyDeletehttp://sarapyar.blogspot.com