Tuesday, May 15, 2012

हसरत है आख़िरी वैसे तो हर तरफ़ देखो जलवे हज़ार हैं जो तू नहीं है पास तो सारे बेकार हैं कोई न आरज़ू मेरी तेरे बग़ैर है गुलशन में चाहे यूं तो फूल बेशुमार हैं हसरत है आख़िरी कि तेरे रूबरु हो लूं वर्ना तो ज़िन्दगी में बचे दिन ही चार हैं माना कि हम नहीं किसी रिश्ते में हैं बंधे फिर भी न जाने क्यों रहते हम बेक़रार हैं अब क्या सुनायें हाले जिगर तुझको अय दोस्त मुद्दत से उनके प्यार में हम गिरफ़्तार हैं

Sunday, May 13, 2012

Happy mother's day

ओ मां तुझे सलाम वो बच्चा जो वक़्त की हर आंधी के डर से दुबक जाता था तेरे आंचल में, वो बच्चा जो बेख़ौफ़ तेरी नज़रों के साये तले उछलता कूदता रहता था तेरे आंगन में, वो बच्चा मिलता था जिसे जन्नत का हर सुख तेरी ममता की छांव में, वो बच्चा तेरी थपकियों से नींद के झोंके ले जाते थे जिसे सपनों के गांव में, वो बच्चा जिसकी दुनिया थी तेरे पहलू में, वो बच्चा जिसका वजूद था तो केवल और केवल तेरे होने में, आज मगर वो बच्चा तन्हा है दुनिया के मेले में, तुझको खोकर डूबा है वो ग़मों के रेले में, तुझको खोया तो उसने जाना कि तेरा मोल क्या है, बिन तेरे जीवन में उसके अब तो केवल ख़ला ही ख़ला है, वो चाहे भी तो तुझको अब पा नहीं सकता, वहां से यहां तुझको कभी ला नहीं सकता, मगर जब कभी सितारों की तरफ़ उसकी उठती है नज़र, दिल में उसके दौड़ जाती है सुकूं की इक लहर, कि सितारों के जहां में मां तो अच्छी ही होगी, कभी-कभार ममता भरी नज़रों से उसको भी देखती होगी, तो सितारों के जहां में अय मां तुझे मिले हर सुख हर चैन हर आराम, ओ मां तुझे सलाम तुझे सलाम, तुझे सलाम...

Friday, May 4, 2012

इश्क़-मुहब्बत ख़रा है पेशा नई जगह है नया ठिकाना, बना ही दे तू कोई फ़साना, तेरी ही दुनिया तेरा ज़माना, नहीं चलेगा कोई बहाना, नया मुसाफ़िर नई हैं राहें, नहीं कभी तू उसे गिराना, बहुत सहे हैं ग़मों के रेले, ग़मों से अब तू उसे बचाना, भटक रहा है बहुत दिनों से, नहीं अंधेरे लगे निशाना, जिधर भी देखो सुरों के दरिया, दे उसको भी इक नया तराना, किसे वो चाहे किसे वो छोड़े, न कोई अपना न ही बेगाना, क़दम-क़दम वो यूं ही चलेगा, गिरे कभी तो उसे उठाना, इश्क़-मुहब्बत ख़रा है पेशा, बिना लिये कुछ, करे दीवाना, निर्मल भी कुछ उसी के जैसा, उसे भी तूने होश में लाना,