Saturday, October 15, 2011

फौजा सिंह को समर्पित

ज़िन्दगी में हर घड़ी वो दौड़ता ही जा रहा
हर किसी को आज पीछे छोड़ता ही जा रहा

दौड़ना ही ज़िन्दगी है, दौड़ना ही बन्दगी
इश्क उसको दौड़ने से, दौड़ने से हर ख़ुशी
इस डगर को उस डगर से जोड़ता ही जा रहा

नाम उसका फ़ौजियों सा,साधुओं सा भेस है
हिन्द की है शान वो तो हिन्द उसका देस है
जो बने हैं सब रिकार्ड तोड़ता ही जा रहा

सौ बरस की उम्र है पर नौजवां सा जोश है
देख उसको ये लगे है उसको पूरा होश है
हर क़दम वो रुख़ हवा का मोड़ता ही जा रहा

ना हकीमों की ज़रूरत ना दवायें ले कभी
ना ही खाये बेज़रूरत ना ही पीये मय कभी
दिल में उठते गर्व को वो फोड़ता ही जा रहा

जान फूंके सबके दिल में सबको देता है सदा
उसके जीवन से मिले है सबको जीने की अदा
रहमतों से वो ख़ुदा की दौड़ता ही जा रहा
ज़िन्दगी में हर घड़ी वो दौड़ता ही जा रहा.....

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