Tuesday, August 3, 2010

बातें

क़रीब आओ कि हम प्यार की करें बातें
जो दिल से दिल को मिलाओ तो बनें बातें

ये बातें ही तो होतीं हैं जो जोड देती हैं
ये भी मगर सच कि दूर भी करें बातें

न दूर जाओ कि मुश्किल हो जाये फिर आना
रहो कि दिल में मुहब्बत की बस पलें बातें

ये पल सुखों के दुखों में बदल-बदल जाते
जो हर घडी हर पल सीने में जलें बातें

कभी-कभी सब हालात हैं उलट जाते
दबी घुटी औ सहमी सी जब खुलें बातें

उजाले खुशियों के हर तरफ़ बिखरने लगते
कहीं किसी मोड पे उनकी जब सुनें बातें

ज़ुबां के दौर में संभल के गर चलो निर्मल
तो समझ ले तेरी सदियों तक चलें बातें

1 comment:

  1. nice....
    i like-
    कभी-कभी सब हालात हैं उलट जाते
    दबी घुटी औ सहमी सी जब खुलें बातें very much.

    ReplyDelete