नव-वर्ष की शुभकामनाओं के साथ
साल इक बार फिर से नया हो चला
बाग़ हर ज़िन्दगी का हरा हो चला
था भला या बुरा जो गया है गुज़र
फिर दोबारा नये का नशा हो चला
हर कोई हर किसी से गले मिल रहा
सिलसिला अब ख़ुशी का घना हो चला
तुम जिसे कह रहे थे दुखों का नगर
हर गली में ख़ुशी का पता हो चला
फूल हम दे रहे हैं बधाई के तुझे
जान लो साले नौ अब खरा हो चला
एक बार फिर सबको नये साल की बधाई हो...
Friday, December 30, 2011
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आगत विगत का फ़ेर छोडें
ReplyDeleteनव वर्ष का स्वागत कर लें
फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
चलो कुछ देर भरम मे जी लें
सबको कुछ दुआयें दे दें
सबकी कुछ दुआयें ले लें
2011 को विदाई दे दें
2012 का स्वागत कर लें
कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
एक शाम 2012 के नाम कर दें
आओ नववर्ष का स्वागत कर लें