नये अंदाज़ में ढल कर नया फिर साल आया है
नई ख़ुशियां नये सपने ये अपने साथ लाया है
नये रिश्ते बनेंगे और कुछ क़िस्से बनेंगे फिर
नये नग़्मे पिरो कर फिर नई सुरताल लाया है
दुआयें साथ इसके हैं वफ़ायें साथ इसके हैं
मुहब्बत की सुरीली धुन सुनाने आज आया है
संजोये दिल में रक्खे हैं तेरे संग पल जो गुज़रे हैं
रहेंगे साथ आगे भी यही फिर आस लाया है
वो कड़वी सी जो यादें हैं उन्हें तुम भूल अब जाना
ज़रा देखो तेरी ख़ातिर नई सौग़ात लाया है
मुबारक दे रहा निर्मल सबों को आज इस मौक़े
ज़रा तुम नाच दिखलाओ कि उसने गीत गाया है
Sunday, December 26, 2010
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