हुआ ग़ुलज़ार है दिल का चमन ये तेरे आने से
ख़ुशी से झूमते धरती गगन ये तेरे आने से
मुझे लगता तेरा मुझसे कोई नाता पुराना है
नहीं तो दिल है क्यों इतना मगन ये तेरे आने से
बहारें मुस्कुराती हैं ये कलियां गीत गाती हैं
कि ख़ुशबू से भरी फिरती पवन ये तेरे आने से
कभी मैंने न सोचा था कि ऐसे दिन भी आयेंगे
कि जज़बातों की भड़केगी अगन ये तेरे आने से
मेरे ख़्वाबों में अब तो हर घड़ी चेहरा तुम्हारा है
हुआ ग़ायब मेरा चैनो-अमन ये तेरे आने से
तेरा दर छोड़ कर मुझको कहीं अब और न जाना
कि बदला है ख़्यालों का चलन ये तेरे आने से
वो कहने को तो कहते हैं हुआ निर्मल दीवाना है
वो क्या जाने लगी कैसी लगन ये तेरे आने से
Wednesday, February 2, 2011
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