जागो कि तुम सो गये हो कहाँ
मालिक मेरे, खो गये हो कहाँ
ऐसी भी क्या रंजिशें हैं तुम्हें
नज़रों से ग़ुम हो गये हो कहाँ
ढूँढा यहाँ से वहाँ तक तुम्हें
घर में नहीं तो गये हो कहाँ
आवाज़ देता तुझे दिल मेरा
तुम तोड़ दिल को गये हो कहाँ
तुमने सुनी क्या नहीं वो सदा
देता जो दिल सो गये हो कहाँ
पल-पल समय है पुकारे तुझे
आओ कि अब खो गये हो कहाँ
युं मुश्किलें क्यों बढ़ाते मेरी
मुझको जगा, सो गये हो कहाँ
Tuesday, August 11, 2009
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बहुत सुन्दर गीत है बधाई।
ReplyDeleteChhotee baher men shaandaar Gazal.
ReplyDelete{ Treasurer-S, T }
sach tum mujhe jaga so kaha gaye ho .........bahut hi sundar bhaw ......jo sirf dil se nikali huee hai .....atisundar
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