ओ मां तुझे सलाम
वो बच्चा
जो वक़्त की
हर आंधी के डर से
दुबक जाता था तेरे आंचल में,
वो बच्चा
जो बेख़ौफ़
तेरी नज़रों के साये तले
उछलता कूदता
रहता था तेरे आंगन में,
वो बच्चा
मिलता था जिसे
जन्नत का हर सुख
तेरी ममता की छांव में,
वो बच्चा
तेरी थपकियों से
नींद के झोंके ले जाते थे जिसे
सपनों के गांव में,
वो बच्चा
जिसकी दुनिया थी
तेरे पहलू में,
वो बच्चा
जिसका वजूद था तो केवल
और केवल तेरे होने में,
आज मगर
वो बच्चा
तन्हा है दुनिया के मेले में,
तुझको खोकर डूबा है वो
ग़मों के रेले में,
तुझको खोया तो उसने जाना कि
तेरा मोल क्या है,
बिन तेरे जीवन में उसके
अब तो केवल
ख़ला ही ख़ला है,
वो चाहे भी तो तुझको
अब पा नहीं सकता,
वहां से यहां तुझको
कभी ला नहीं सकता,
मगर जब कभी
सितारों की तरफ़
उसकी उठती है नज़र,
दिल में उसके
दौड़ जाती है
सुकूं की इक लहर,
कि सितारों के जहां में
मां तो अच्छी ही होगी,
कभी-कभार
ममता भरी नज़रों से
उसको भी देखती होगी,
तो सितारों के जहां में
अय मां तुझे
मिले हर सुख
हर चैन हर आराम,
ओ मां तुझे सलाम
तुझे सलाम, तुझे सलाम...
मातृ दिवस की शुभकामनायें
ReplyDeletebahut acchi rachna hai Nirmal ji
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