दूर हूँ मैं तुझसे, फिर भी पास हूँ
ग़म न कर तू मैं तेरे ही साथ हूँ
सुन रहा हूँ दोस्त, पर ये सच नहीं
लोग कहते हैं कि गुज़री बात हूँ
सोच न अब दिल जो चाहे कर ले तू
हर घड़ी हर पल मै नई आस हूँ
ये हक़ीकत आज भी है मान तू
मैं मुहब्बत से भरा इक राग हूँ
देर न कर आ मेरे तू पास आ
मैं वही जो तेरे दिल का साज़ हूँ
वक़्त की दहलीज़ पर निर्मल खड़ा
तू इधर तो मैं उधर आबाद हूँ
Tuesday, November 9, 2010
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