Sunday, December 26, 2010

नया साल मुबारक हो सबको

नये अंदाज़ में ढल कर नया फिर साल आया है
नई ख़ुशियां नये सपने ये अपने साथ लाया है

नये रिश्ते बनेंगे और कुछ क़िस्से बनेंगे फिर
नये नग़्मे पिरो कर फिर नई सुरताल लाया है

दुआयें साथ इसके हैं वफ़ायें साथ इसके हैं
मुहब्बत की सुरीली धुन सुनाने आज आया है

संजोये दिल में रक्खे हैं तेरे संग पल जो गुज़रे हैं
रहेंगे साथ आगे भी यही फिर आस लाया है

वो कड़वी सी जो यादें हैं उन्हें तुम भूल अब जाना
ज़रा देखो तेरी ख़ातिर नई सौग़ात लाया है

मुबारक दे रहा निर्मल सबों को आज इस मौक़े
ज़रा तुम नाच दिखलाओ कि उसने गीत गाया है

Thursday, December 23, 2010

कोई दुखड़ों में

कोई दुखड़ों में जीता है तो कोई मुस्कुराता है
ख़ुदा भी हर घड़ी हर पल नये जलवे दिखाता है

ख़ुशी से कोई लिपटा है दुखों में कोई डूबा है
किसी को दूर ले जाता किसी को पास लाता है

कहीं से तोड़ देता है कहीं वो जोड़ देता है
कोई तो छूट जाता है कोई बस टूट जाता है

कहीं हंसती बहारें हैं कहीं रोती घटायें हैं
नहीं उम्मीद हो जिसकी उसे वो यूं मिलाता है

किसी के पास देखो तो हसीं दिलकश नज़ारे हैं
किसी को ज़िन्दगी भर वो न जाने क्यों सताता है

करें कितनी भी कोशीश हम उसे हम छू नहीं सकते
वही जाने कि वो क्यों इस तरह दुनिया चलाता है

Saturday, December 18, 2010

तकदीर

माथे पे खुदी होती हाथों पे लिखी होती
तक़दीर कहाँ आख़िर इन्सां की छुपी होती

किस देश में मिलती है जो चीज़ मुक़द्दर है
हैं कौन से मयखाने जिनमें है ख़ुशी होती

रोशन हैं कहाँ होते क़िस्मत के सितारे ये
है दिल की जो दुनिया किस जन्नत में बसी होती

किस ओर निकलता है ख़ुर्शीद करिश्मों का
ख़ैरात वो रहमत की किन हाथ बंटी होती

कर लेते यकीं हम भी रत्नों की दुकानों पर
ख़्वाबों को हमारे गर ताबीर मिली होती

अपना ही किया पाते अपना ही किया खोते
कोई बात नहीं निर्मल इनमें है सही होती